बदलते मौसम जैसी इन मौहब्तों को
कितने लोग असल में जानते पहचानते हैं,
सुराहियों में कैद कुईयांओ का पानी
कितने लोग पीने से पहले खूब छानते हैं,
यकीन का सलीबी सच ही है अंधापन
आशिक कब लकीरे तकदीरी बांचते हैं,
वक्त के साथ ठंडा होता है इश्के तूफान
कितने लोग दौरे उफान गरमी नापते हैं,
शर्तों की बिसात है ही दिमागी तिजारत
बर्फीले पहाड क्या धूल भी पहचानते हैं,
तासीर के मुताबिक खेलना है मुनासिब
दरिया क्या कभी अपने किनारे लांघते हैं,
आईनों की औकात पर मत उठाओ सवाल
बेजुबान पत्थर भी हश्रे जुबांतराशी जानते हैं।
“PKVishvamitra”
✍️😎👍
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Wah Bhai… Bahut Badhiya…
👏👏👏
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यवाद!!
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
awesome kya baat kya baat kya baat
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
Bahut khub Sir😊
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
धन्यवाद स्नेही दीपिका जी।
पसंद करेंपसंद करें
Beautiful
पसंद करेंLiked by 1 व्यक्ति
The Divya ji.
पसंद करेंपसंद करें
I so enjoyed you posts. I was wondering if you are going to be back to offer more info.
पसंद करेंपसंद करें